बिहार में जिस विपक्षी गठबंधन के पास चुनाव में खड़े होने तक के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं वो भला एनडीए गठबंधन से क्या मुकाबला करेगा? आलम ये है कि प्रथम चरण और द्वितीय चरण के लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है लेकिन अबतक विपक्षी गठबंधन को 11 सीटों पर अपना उम्मीदवार तक नहीं मिल पाया है जिसके चलते इन सीटों पर अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा तक नहीं हो पाई है। वहीं दूसरी ओर एनडीए गठबंधन ने सीटों के बंटवारे से लेकर तमाम सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा तक कर दी। विपक्षी आरजेडी गठबंधन पर निशाना साधते ये बातें जद(यू0) प्रदेश प्रवक्ता सुश्री अनुप्रिया ने कही।
पार्टी प्रवक्ता सुश्री अनुप्रिया ने दावा करते हुए कहा कि एनडीए गठबंधन प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी और बिहार में माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के विकास के कामों की बदौलत राज्य की 40 में से 40 सीटें जीतने का काम करेगी और विपक्षी गठबंधन का राज्य में खाता तक नहीं खुल पाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में खासकर कांग्रेस की हालत आरजेडी की पिछलग्गू बनकर रह गई है और माननीय लालू प्रसाद यादव जैसा निर्देश दे रहे हैं उसी तरीके कांग्रेस यहां काम कर रही है। विपक्षी गठबंधन से बड़ा सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि आखिर क्या कारण है कि कांग्रेस पार्टी को उम्मीदवार नहीं मिल रहा है?
पार्टी प्रवक्ता ने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को गठबंधन में मिली सीटों का एलान हो चुका है, लेकिन कांग्रेस को मिली 9 सीटों में से पार्टी ने महज कुछ ही सीटों पर अबतक उम्मीदवारों की घोषणा की है। उन्होंने आरजेडी गठबंधन से सवाल पूछते हुए कहा कि जब विपक्षी गठबंधन के पास उम्मीदवारों की ही कमी है तो ऐसे में वो किस मुंह से बिहार के विकास और लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का दावा करते हैं?
जद(यू0) प्रदेश प्रवक्ता सुश्री अनुप्रिया ने कहा कि साल 2019 की लोकसभा चुनाव की तरह इस साल भी विपक्षी गठबंधन को बिहार में करारी हार मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता इस स्वार्थी गठबंधन के राजनीतिक चरित्र को अच्छे तरीके से पहचानती है और वोटिंग के दिन उन्हें माकूल जवाब देगी।