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जननायक’ कर्पूरी ठाकुर जी का नाम लेने से डरते हैं तेजस्वी यादव, अति पिछड़ों को आरजेडी ने कभी नहीं दिया उनका हक और सम्मान: जद(यू)

28 मई 2024, पटना।

जद(यू) प्रदेश कार्यालय में पार्टी प्रदेश प्रवक्ता श्री अरविंद निषाद और पार्टी के मीडिया पैनलिस्ट श्री इम्तियाज अहमद अंसारी ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान दोनों पार्टी नेताओं ने तेजस्वी यादव पर अति पिछड़ों की हकमारी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने कभी भी जननायक कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण फाॅर्मूले को स्वीकार नहीं किया और वो सदा अति पिछड़ों के आरक्षण के राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के लिए कभी कोई कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि ‘जननायक’ कर्पूरी ठाकुर के नाम पर राजनीति करने वाले लालू प्रसाद यादव के दिल में उनके प्रति घोर दुराग्रह था। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने हमेशा अति पिछड़ों के आरक्षण को लेकर ‘जननायक’ कर्पूरी ठाकुर के फैसलों पर सवाल उठाया। जननायक कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण फॉर्मूले की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने साल 1978 में मुंगेरी लाल आयोग की सिफारिशें लागू की। जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अगड़ों के लिए भी 3 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया। जिस कर्पूरी ठाकुर फॉर्मूले की चर्चा आज होती है उसमें अति पिछड़ा वर्ग के लिए 12 फीसदी, पिछड़ों के लिए 8 फीसदी, महिलाओं को 3 फीसदी और अगड़ी जाति के गरीब लोगों के लिए 3 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था।पार्टी प्रवक्ताओं ने लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को हमेशा अपमानित करते रहने का उनका लिखित इतिहास रहा है।
इस दौरान पार्टी नेताओं ने तेजस्वी यादव से कुछ अहम सवाल पूछे:
1. तेजस्वी यादव ये बताएं कि आज वोट के चलते वो अति पिछड़ों के हिमायती होने का दावा करते हैं। लेकिन क्या ये सच नहीं है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने अति पिछड़ों के आरक्षण माॅडल के मसीहा जननायक कर्पूरी ठाकुर का नाम लेना तक उचित नहीं समझा? क्या इससे अति पिछड़ों को लेकर उनका कथित प्रेम दिखावा नहीं है?

2. माननीय तेजस्वी यादव जी ये बताएं कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जो आपने चिट्ठी लिखी है उसमें जननायक कर्पूरी ठाकुर की आपने चर्चा तक नहीं की? जबकि बिहार में जननायक कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण फाॅर्मूले के तहत वर्तमान में अत्यंत पिछड़ा वर्ग को बिहार सरकार की नौकरियों में 25 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा है साथ ही साथ पंचायत और नगर निकायों में अति पिछड़ा समुदाय के लोगों को 20 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा है।

3.बिहार सरकार एवं जद(यू) की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर जननायक कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण फाॅर्मूले को लागू करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बिहार सरकार की ओर से सर्वसम्मत कैबिनेट प्रस्ताव पास करवाकर केंद्र को भेज चुकी है। जनता दल यूनाईटेड की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती के अवसर पर अनेकों बार भारत सरकार को अति पिछड़ा वर्ग के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था करने की मांग हरेक साल की गयी है। जदयू की पहल पर भारत सरकार ने

केंद्रीय स्तर पर अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए रोहिणी कमीशन का गठन किया जिसकी रिपोर्ट राष्ट्रपति महोदया को समर्पित की जा चुकी है।

4.क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के अति पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने की कोशिश की? लेकिन तत्कालीन जनता दल नेता माननीय श्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की कोशिशों का जमकर विरोध किया और कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण फाॅर्मूले को जारी रखने की बात कही ? क्या ये सही नहीं है कि माननीय नीतीश कुमार के विरोध के चलते लालू प्रसाद यादव अपनी मंशा को पुनरू कभी जारी नहीं किया?

5. क्या ये सही नहीं है कि कर्पूरी ठाकुर के सपनों को बिहार में अगर कोई साकार किया है तो वो हैं माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार? माननीय नीतीश कुमार ने बिहार की न्यायपालिका में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग, पंचायती राज, नगर निकाय में अति पिछड़ा और दलितों के साथ सभी तबकों के महिलाओं को आरक्षण देकर उन्होंने उनके सपनों को पूरा किया?

6. क्या तेजस्वी यादव ने कभी भी आरक्षण के जननायक कर्पूरी माॅडल आरक्षण को लेकर कोई बयान, प्रेस काॅन्फ्रेंस, सभा, सम्मेलन, मांग करते हुए कोई कागज, पर्चा एवं रिकाॅर्डेड बयान दिया हो तो जद(यू) उसे जारी करने की चुनौती देता है ?

7. माननीय तेजस्वी यादव जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की जमात आपकी ओर से ठोस कार्यक्रम या आंदोलन देखना चाहती है। सिर्फ वोट के लिए कर्पूरी जी का नाम लेने भर से ही क्या अति पिछड़ों को आरक्षण का लाभ मिल पाएगा ?

8. लालू प्रसाद यादव ये बताएं कि क्या ये सही नहीं है कि, तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष शिवनंदन पासवान ने उस समय माननीय विधायक लालू प्रसाद यादव से अनुरोध किया था कि कर्पूरी ठाकुर को सदन में आने के लिए वो अपनी जीप भेज दें?

9.क्या माननीय लालू प्रसाद यादव ने तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष शिवनंदन पासवान के लिखे पुर्जे का ये जवाब दिया था कि, उनकी जीप में तेल नहीं है, और आवश्यक समझने पर रिक्शे से चले आएंगे? साथ ही उन्होंने यह भी लिखा था कि वो दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं गाड़ी क्यों नहीं खरीदते?

10. क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद यादव का अति पिछड़ों को ठगने का और अपमानित करने का इनका स्वभाव रहा है, इसलिए वो जननायक कर्पूरी ठाकुर को अपनी गाड़ी तक नहीं दे रहे थे और माननीय विधायक रहते लालू प्रसाद यादव उन्हें रिक्शे से सदन आने की सलाह दे रहे थे? क्या ये लालू प्रसाद यादव का अति पिछड़ों के प्रति सामाजिक दुराग्रह नहीं है ?
पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि महज वोट के लिए आरजेडी ‘जननायक’ के नाम का इस्तेमाल करना चाहती है। जबकि लोगों को ये पता है कि किस तरह से लालू प्रसाद यादव ने ‘जननायक’ के फैसलों का विरोध किया और उन्हें अपमानित करने का भी काम किया।

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