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जगदेव प्रसाद की जयंती पर कुर्था में विशाल मेला का आयोजन किया गया

मो बरकतुल्लाह राही
अरवल,12फरवरी:समाज के शोषित व वंचित वर्ग की आवाज उठाने वाले महान क्रन्तिकारी जननेता विलक्षण पत्रकार बिहार लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद जी की जयंती  पर आयोजित कुर्था में विशाल मेला का आयोजन किया गया जिसमें राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार, लेखक, बुद्धिजीवी एवं कलाकारों ने हिस्सा लिया. मुझे मेला कमिटी की ओर से सम्मान पत्र दिया गया इसके लिए मेला कमिटी के अध्यक्ष समेत तमाम पदाधिकारियों को दिल से सलाम पेश करता हूँ. आज मौजूदा दौर में ज़ब भारत क़े सत्ता पर दक्षिण पंथियों का कब्ज़ा है औऱ वह अपने विरोधियों को देश विरोधी क़े रूप में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैँ औऱ इसमें बहुजन नेता भी पीछे नहीं हैँ तो ऐसे में हमें उन बहुजन नायकों को याद करना जरूरी हो जाता है जिन्होंने एक अच्छे समाज को गढ़ने में जी जान लगा दिया. 2अप्रैल 1970 को जगदेव बाबू ने बिहार विधानसभा में मांग की थी औऱ कहा था की समाजिक न्याय, स्वतंत्रता औऱ निष्पक्ष प्रशासन क़े लिए सरकारी औऱ गैर सरकारी नौकरियों में कम से कम 90 फीसदी जगह शोषितों क़े लिए सुरक्षित कर दी जाय.उन्होंने कहा था की ब्रह्मणवाद एक लंगड़ा राजा है जिसका अस्तित्व दो वैशाखी पर टिका है दंगा औऱ अंध विश्वास. दंगा से इन्हें सत्ता मिलती है औऱ अंधविश्वास से दौलत. जिस दिन उनसे यह दोनों वैशाखी छीन ली जाएगी उस दिन से भारत विकास क़े पथ पर दौड़ेगा. मानववाद की क्या पहचान ब्रह्मण भंगी एक समान
पुनर्जन्म औऱ भाग्यवाद इनसे जन्मा ब्रह्मणवाद.सौ में नब्बे शोषित है नब्बे भाग हमारा है आदि नारा वक्त का तकाजा है. लेकिन आज शोषितों में जात -पात की राजनीति ने उनके मिशन को कमजोर कर रहा है. क्या हम उनके सपनों का समाज बना पाए हैं?
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