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एनएमसीएच की एलुमनाई मीट में पहुंचे देश-विदेश के डेलिगेट

डॉक्टरो ने एक सुर में कहा स्वस्थ रहने के लिए पर्यावरण सुरक्षित रखने की जरूरत
पुराने दिनों की याद को ताजा कर हुए भावुक 
सेल्फी और हंसी मजाक का दौर चला एलुमनी मीट में
इतनी शक्ति हमें देना दाता गीत का समूह गायन ने किया भावुक
पटना 06/04/2024
नालंदा मेडिकल कॉलेज के 24 वें एलुमनाई मीट में आज बिहार के अलावा देश के विभिन्न क्षेत्र और विदेश से चिकित्सकों का दल राजधानी पटना पहुंचा। यह वह चिकित्सक है जो नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र रहे हैं। 1969 से लेकर अब तक के छात्र इस इस मीट में शामिल हुए। इस बार के 24वे एलुमनाई मीट के आयोजक 1991 बैच के छात्र समूह रहे। आयोजन का जिम्मा आयोजन समिति के अध्यक्ष संजय कुमार सचिव अजय कुमार अतुल वर्मा संजीव कुमार सुधीश कुमार ,वत्सला श्रीवास्तव मिलकर संभाले हुए थे।
अरे संजय तुम तो बिल्कुल नहीं बदले, अजय बहुत हेल्दी हो गए हो । ऐसे हंसी मजाक और गर्मजोशी  के साथ सभी पूर्ववर्ती छात्र एक दूसरे से मिल रहे थे ।
एकदिवसीय एनएमसीएच एलुमनाई मिट का शुभारंभ अहले सुबह 91 बैच के छात्रों द्वारा साइकिल यात्रा कर निकाली गई । वर्ल्ड हेल्थ डे के एक दिन पूर्व साइकिल यात्रा का उद्देश्य स्वस्थ रहने के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना, और प्रदूषण मुक्त समाज का  उद्देश्य था।  साइकिल यात्रा का नेतृत्व एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कुमार कर रहे थे। उनके साथ सचिव डा अजय कुमार, डॉ जितेंद्र मोहन सिंह,डा  सुधीश कुमार, डा रोबिन कुमार दुबे सहित दर्जनों चिकित्सक ने राजभवन गोलंबर से इनकम टैक्स गोलंबर होते हुए वापस राजभवन गोलंबर तक साइकिल चला कर स्वास्थ जागरूकता का संदेश दिया । डॉक्टर ने कहा कि भागती दौड़ती जिंदगी में हमें अपने पुराने भौतिक सुविधाओं को पुनः आत्मसात करने की जरूरत है। साइकिल केवल शारीरिक रूप से ही स्वस्थ नहीं रखता बल्कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए भी बहुत जरूरी है।
24 वें एनएमसीएच एलुमनाई मीट का शुभारंभ डा सहजानंद प्रसाद सिंह, प्रथम बैच के डॉ  एलबी सिंहा , डॉ एसके चौहान, डॉ महेश प्रसाद,  डॉ चंद्र भूषण प्रसाद, आयोजन समिति के डा संजय कुमार , डा अजय कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।आज होटल मौर्या के सभागार में आयोजित एनएमसीएच एलुमनाई मीट के पहले सत्र में साइंटिफिक सेशन का आयोजन किया गया । जिसमें तेरह चिकित्सक ने अपने केरियर के दौरान मिले चैलेंजिंग को साझा किया। अपने-अपने विषय के नए अनुभव को इस सत्र में रखा। एम्स के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अनूप कुमार, डॉ ललित मोहन, डॉ रवि शेखर, रिम्स रांची से डॉ जयप्रकाश, डॉ अमित राज नेत्र विशेषज्ञ ने ऑकुलर मेनिफेस्टेशन पर अपने विचार रखें वही कान की एंडोस्कोपी  सर्जरी पर डॉ संजीव कुमार ने बताया कि कान की सर्जरी में एंडोस्कोपी सर्जरी आसान प्रक्रिया तो है पर यह निर्भर करता है की यह कितना जटिल है। डॉ प्रवीण साहू,  डॉ दयानिधि कुमार ,डॉ सुधीश कुमार डॉ अभय कुमार ने  भी अपने विचार रखें। मौके पर एनएमसीएच के प्रथम बैच  के छात्र भी पहुंचे जो आज अपना अनुभव शेयर किया । जिन पुरातन छात्रों को सम्मानित किया गया उनमें प्रथम बैच के डा एलबी सिंहा, डा चंद्रभूषण प्रसाद, डॉ महेश प्रसाद, डॉ एसके चौहान, डॉ अनिल कुमार सिंह,  डॉक्टर रामजी प्रसाद सिंह, डॉक्टर सैफुल्लाह दक्षिण भारत के  डॉक्टर आर रेड्डी, डॉ कमलेश तिवारी, डा जयश्री प्रसाद रहे । सभी को शाल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया है।
पहली बार एलुमनाई मीट में उन चिकित्सकों का सम्मान किया गया जो दुर्गम क्षेत्र में रहकर और अपने करियर में अप्रत्याशित परिणाम दिया है सम्मानित होने वाले में डा सलभ समृद्धि, डॉ सुनील कुमार, डॉ अभिषेक आनंद, डॉक्टर संजय कुमार,  डॉ अभिषेक कुमार, डॉ संगीता सिंह, डॉ नीरज सिन्हा डॉ मनोज भदानी, डा शिवांगी सिन्हा, डॉ गौतम कुमार, डॉ नीरज कुमार शाह, डॉ अभिषेक बहादुर सिंह शामिल रहे।
आयोजन समिति के अध्यक्ष संजय कुमार एवं सचिव अजय कुमार ने बताया कि यह आयोजन सिर्फ पुराने दिनों की यादों को ताजा नहीं करना था बल्कि अपने चिकित्सकिय जीवन के अनुभव को और उससे मिली सफलता को बताना था। यह अनुभव दूसरे के लिए भी लाभकारी होगा। प्रथम बैच के डा एल बी सिन्हा ने कहा की अच्छा लगता है जब हम अपने बैच के लोगों से मिले, हमारे बाद के छात्र और भी बेहतर कर रहे हैं।डा सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा की एनएमसीएच का अपना गौरवमयी इतिहास रहा है । यहां के छात्र देश में ही नहीं विदेश में भी अपना परचम लहरा रहे हैं ।
अंतिम सत्र में कॉलेज के दिन में गाए जाने वाले गीत इतनी शक्ति हमें देना दाता का समूह गायन 91 बैच के द्वारा किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मैजिक शो , नृत्य एवं संगीत पूर्वर्ती छात्रों द्वारा किया गया।आयोजन को सफल बनाने में डॉ बीबी भारती , डॉ संजय कुमार डॉ अजय कुमार डॉक्टर अतुल वर्मा डॉक्टर सुधीश कुमार,  डॉ रौबीन दुबे ,डा  रितिका,  डॉ संगीता डा किशवर जबिन आदि ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाया ।
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