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एआईएनयू ने यूरोलॉजी एवं नेफ्रोलॉजी केयर में 1,000 रोबोटिक सर्जरी की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की

पटना,: शियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी (एआईएनयू) भारत में यूरोलॉजी एवं नेफ्रोलॉजी चिकित्सा के क्षेत्र में सबसे बड़ा सिंगल स्पेशलिटी हॉस्पिटल नेटवर्क है, जिसका संचालन AHH द्वारा किया जाता है। आज हॉस्पिटल ने यूरोलॉजी, यूरो-ऑन्कोलॉजी एवं नेफ्रोलॉजी केयर के क्षेत्र में 1000 रोबोटिक सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा करने की उपलब्धि हासिल करने की घोषणा की। इस शानदार उपलब्धि के साथ एआईएनयू एडवांस्ड यूरो-नेफ्रो केयर में सबसे आगे है, जहाँ मरीज़ों को बेहतर परिणाम देने के लिए अत्याधुनिक तकनीक की पेशकश की जाती है।  इस अस्पताल में किडनी कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, मूत्राशय कैंसर और रिकंस्ट्रक्टिव यूरोलॉजी (मूत्रमार्ग को पहले जैसा बनाने और मरम्मत करने के लिए की जाने वाली सर्जरी) का रोबोटिक सर्जरी के ज़रिये सफलतापूर्वक इलाज किया गया है। मरीजों के लिए रोबोटिक सर्जरी के फायदों के बारे में बात करते हुए, एआईएएनयू के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं चीफ कन्सल्टेंट यूरोलॉजिस्ट, डॉ. सी. मल्लिकार्जुन ने कहा, “मरीजों के ऑपरेशन के बाद के अनुभवों से यह स्पष्ट होता है कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में रोबोटिक सर्जरी बेहद फायदेमंद है। प्रोस्टेटेक्टॉमी की पूरी प्रक्रिया के लिए रोबोटिक सर्जरी से गुजरने वाले मरीजों को मूत्र त्याग करने के पैटर्न में काफी फायदा मिलता है, जिससे मूत्राशय पर नियंत्रण रखने की परेशानी दूर हो जाती है। इसके अलावा, उनके लिंग का सामान्य इरेक्शन भी हो सकता है क्योंकि रोबोटिक सर्जरी की प्रक्रिया में नाजुक नसों की अच्छी तरह से हिफाजत की जा सकती है। किडनी कैंसर के मामलों में भी रोबोटिक सर्जरी के नतीजे बेमिसाल रहे हैं। शुरुआती चरण के किडनी कैंसर की बात की जाए, तो ऐसे मामलों में रोबोटिक सर्जरी के ज़रिये किडनी के ज्यादातर हिस्से को सुरक्षित रखते हुए पूरी सटीकता के साथ ट्यूमर को निकाला जाता है। यह सर्जरी के पारंपरिक तरीकों से बिल्कुल अलग है, जिसमें पूरी किडनी निकालने की आवश्यकता पड़ सकती है।” एआईएनयू के रोबोटिक सर्जरी कार्यक्रम में अत्यधिक कुशल सर्जनों की विशेषज्ञता को रोबोट की सहायता से संचालित अत्याधुनिक सर्जिकल सिस्टम के साथ जोड़ा जाता है। इसके ज़रिये अधिक कुशल व सटीक तरीके से सर्जरी करना और प्रक्रिया पर अच्छी तरह नजर रख पाना संभव होता है, जिससे अंततः इलाज के नतीजे बेहतर होते हैं तथा मरीज को ऑपरेशन के बाद असुविधा कम होती है, साथ ही इस प्रक्रिया में खून भी कम बहता है और मरीज जल्दी से ठीक हो जाता है। डॉ. मल्लिकार्जुन ने आगे कहा कि, अक्सर सामान्य तरीके से सर्जरी करने वाले मरीजों को अपने कामकाज को फिर से शुरू करने से पहले काफी लंबे समय तक आराम करने की जरूरत होती है। इसके विपरीत, रोबोटिक सर्जरी कराने वाले मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं, और इस तरह वे कुछ ही दिनों के बाद फिर से अपना कामकाज शुरू कर पाते हैं। इस प्रक्रिया से काफी कम समय में मरीज की सेहत बेहतर हो जाती है, साथ ही इसकी वजह से उनकी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ जाती है। यूरोलॉजिकल कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि प्रोस्टेट कैंसर भारत में कैंसर से जुड़ी सबसे सामान्य बीमारियों में से एक है। भारतीय उपमहाद्वीप की बात की जाए, तो यहाँ इलाज की प्रक्रिया में जेनिटोरिनरी सिस्टम के ट्यूमर भी मरीजों में पाए जाने वाले सबसे सामान्य ट्यूमर में से एक हैं। रोग की जाँच से संबंधित कार्यक्रमों में बढ़ोतरी, आम लोगों के बीच कैंसर के प्रति जागरूकता में सुधार, तथा इमेजिंग के नए तरीकों के आगमन के साथ; जेनिटो-यूरिनरी कैंसर का शुरुआती चरण में ही पता लगाया जा रहा है। अल्ट्रासाउंड अब बड़ी तेजी से सुलभ होते जा रहे हैं, जिसकी वजह से किडनी कैंसर की पहचान बहुत आसान हो गई है। आमतौर पर प्रोस्टेट कैंसर बुढ़ापे की बीमारी है, लेकिन अब यह बेहद सामान्य बात हो गई है। इन दोनों मामलों के इलाज में रोबोटिक सर्जरी काफी उपयोगी साबित हुई है जिसके नतीजे बेमिसाल रहे हैं। यानी रोबोटिक सर्जरी के ज़रिये किडनी कैंसर के इलाज में जितना संभव हो सके, किडनी को उतना सुरक्षित रखा जाता है जबकि प्रोस्टेट कैंसर में सर्जरी के बाद पेशाब को नियंत्रित करने और लिंग के इरेक्शन को बनाए रखने की क्षमता को बरकरार रखा जाता है। रोबोटिक सर्जरी के भविष्य के बारे में बात करते हुए, एआईएएनयू के सीनियर यूरोलॉजिस्ट एवं एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, डॉ. पी.सी. रेड्डी ने कहा, “सर्जरी के बेहद जटिल मामलों में रोबोटिक सर्जरी की तकनीक का उपयोग करना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। सामान्य सर्जरी में कुछ अंगों तक पहुंचना मुश्किल होता है, लेकिन इसके ज़रिये ऐसी सर्जरी बड़ी आसानी से की जा सकती है, जिसकी गति लगभग हाथों के समान होती है। साथ ही यह सर्जरी अधिक सटीक तरीके से और बेहद कम खून के बहाव के साथ की जा सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सर्जिकल रोबोट के इस्तेमाल को और बढ़ावा देने वाला है। आने वाले समय में, AI दुनिया भर में की जाने वाली सर्जरी की प्रक्रियाओं के अलग-अलग चरणों का विश्लेषण करेगा और हर प्रक्रिया में सबसे बेहतर कदम उठाने की सलाह देगा। यह मरीज की तस्वीरों का विश्लेषण भी करता है और सर्जरी के दौरान मदद करता है। भविष्य में मानव सर्जन और रोबोट साथ मिलकर काम करेंगे, ताकि मरीजों को सर्वोत्तम संभव तरीके से फायदा पहुंचाया जा सके। रोबोट के इस्तेमाल में बढ़ोतरी के साथ, मरीजों को किफायती दरों पर इलाज का फायदा भी मिल सकता है।”रोबोटिक सर्जरी की प्रगति में एआईएनयू सबसे आगे बना हुआ है, और हॉस्पिटल वर्तमान में जारी रिसर्च, ट्रेंनिंग तथा साझेदारियों के साथ यह सुनिश्चित करने के इरादे पर अटल है कि, मरीजों को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ सहानुभूतिपूर्ण देखभाल उपलब्ध हो सके।

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