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विजय सिन्हा और तेजस्वी यादव में भिड़ंत, नेता प्रतिपक्ष थे तो यही व्यक्ति बोलने नहीं देते थे..संविधान पर आर पार

बिहार विधानसभा में माहौल उसे समय गर्म हो गया जब तेजस्वी यादव आरक्षण पर अपनी बात सदन के पटल पर रख रहे थे। तेजस्वी यादव ने आरक्षण पर बात रखते हुए कहा कि जाति आधारित गणना हमारी सरकार ने किया था। आरक्षण की सीमा हमने 65% करने का निर्णय लिया गया था। ईडब्ल्यूएस 10% रहने दिया जाए। आज संविधान दिवस है सरकार इस पर जवाब दे कि हम जब सरकार में थे तब जाति सर्वे करवा कर वंचित वर्गों के साथ न्याय करने के लिए हमलोगों ने निर्णय लिया था कि आरक्षण की सीमा को 65% बढ़ा दिया जाए। बाद में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया था। इस पर बिहार सरकार क्या कदम उठा रही है साथ ही इसी दौरान तेजस्वी यादव ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि चूकि भाजपा शुरू से नहीं चाहती थी कि आरक्षण की सीमा 65 प्रतिशत हो। आखिर हुआ भी यही और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी आरक्षण निरस्त करने का निर्णय आ गया। इस पर सबसे पहले सम्राट चौधरी फिर विजय सिन्हा ने जबरदस्त विरोध किया। विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव को जबाव देते हुए कहा कि आप संवैधानिक संस्था का प्रतिदिन अपमान करते हैं, पहले भी करते थे। विजय सिन्हा इतने पर  नहीं रुके। उन्होंने यह भी कहा कि आप जहां फिलहाल बैठे हैं उसी जगह पर नेता प्रतिपक्ष के तौर पर हम भी बैठते थे..याद है कि नहीं। आप तो हमारा माइक तक बंद करवा देते थे। गंभीर मुद्दों पर बोलने तक नहीं देते थे। हालांकि दोनों के नोक झोक के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने भी सलाह दिया कि सदन में बोलते समय इस बात का ख्याल रखा जाए कि हल्की बातें नहीं हो। इसके बाद अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव को बोलने का मौका दिया। आरक्षण की बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने 65 प्रतिशत आरक्षण पर विधानसभा की तरफ से एक स्टेडी कमेटी बनाने की मांग की। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर मंशा साफ है तो आरक्षण की सीमा बढ़ा कर सरकार 85 प्रतिशत करें। हमलोग समर्थन देंगे।

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