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आत्मनिर्भरता के विविध रंग और स्वयं सहायता समूह से जुडी ग्रामीण महिलाओं की स्वावलंबन की झलक बिहार सरस मेला में प्रदर्शित है

पटना – आत्मनिर्भरता के विविध रंग और स्वयं सहायता समूह से जुडी ग्रामीण महिलाओं की स्वावलंबन की झलक बिहार सरस मेला में प्रदर्शित है l विभिन्न स्टॉल पर देश भर से आई स्वयं सहायता समूह से जुडी ग्रामीण शिल्पकार और स्वरोजगारी अपने हुनर को स्वावलंबन से जोड़कर महिला सशक्तिकरण की बानगी पेश कर रही हैं l सरस मेला एक ऐसा मंच है जो स्वदेशी उत्पादों एवं इससे जुड़े लोगों को बाज़ार उपलब्ध कराने हेतु प्रोत्साहन देता है l सरस मेला में बिहार समेत देश के विभिन्न राज्यों के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सदस्यों एवं स्वरोजगारियों द्वारा निर्मित उत्पाद, हस्त शिल्प एवं लोक कलाकृतियों का प्रदर्शन lएवं बिक्री की जा रही है l   पूर्व की तरह इस बार भी सरस मेला हस्त शिल्प , लोक कलाकृति एवं संस्कृति के अनूठे संगम को प्रदर्शित कर रहा है जहाँ देश के विभिन्न राज्यों के कई रंग एक ही कैनवास पर दिख रहा है l बिहार समेत 22 राज्यों की ग्रामीण महिला उद्धमी शिरकत कर रही हैं l  बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति , जीविका के तत्वाधान में बिहार सरस मेला 15 से 29 दिसंबर 2023 तक गाँधी मैदान, पटना में सुबह 10 बजे से सायं 8 बजे तक आयोजित है l सरस मेला के माध्यम से ग्रामीण शिल्प को प्रोत्साहन दिया जा रहा है l  बिहार सरस मेला के छठे दिन  बुधवार  20 दिसंबर को लगभग  96  लाख  5 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई  है l  खरीद –बिक्री का आंकड़ा स्टॉल धारकों से लिए गए आंकड़ो पर आधारित होता है सरस मेला में बने दो जर्मन एवं दो देशी हैंगर में हमारे देश के विभिन्न प्रदेशों से आई ग्रामीण उद्यमियों के द्वारा हाथ से निर्मित उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद –बिक्री हो रही है l विभिन्न स्टॉल पर सिल्क एवं कड़ी की साड़ियाँ, सूट, लहठी, चूड़ियां, खादी के परिधान , सीप,कास्यं, पीतल, पत्थर,घास एवं जुट आदि से बनी कलाकृतियाँ एवं उत्पाद बच्चों के पुराने खिलौने आगंतुकों को सहज ही आकर्षित कर रही हैं l वही व्यंजनों में अचार-पापड़, अदौरी-दनौरी, सत्तू-बेसन, चुडा चावल, गुड , तीसी के लड्डू, आवला का लड्डू , बालूशाही, खोवा की गुझिया, बार मिठाई, खाझा , टिकरी का लोग स्वाद ले रहे हैं वही ओपन एरिया में फर्नीचर, झूले , कालीन, रग्स, सजावटी लैम्प्स, सेरामिक एवं चीनी मिटटी के कप-प्लेट, प्लांटर्स, ट्रे, ग्लास समेत किचेन से सम्बंधित उत्पाद , टेराकोटा के उत्पाद, कृत्रिम फूल समेत घर-दुकान सजावट के सामान आगंतुकों को आकर्षित कर रहे हैं l  ओपन एरिया में गर्म कपड़ों के निर्माण एवं चूड़ी-लहठी के निर्माण एवं खरीद-बिक्री जारी है l  जीविका दीदियों द्वारा संचालित मधुग्राम से मध् एवं शिल्पग्राम उत्पादक कम्पनी के स्टॉल से बड़े पैमाने परिधानों एवं हस्तशिल्प की प्रदर्शनी एवं बिक्री हो रही है  l सतत जीविकोपार्जन योजना से लाभान्वित हुई जीविका दीदियों के स्टॉल से फूल एवं सजावट के पौधे , सिक्की एवं बांस से बने उत्पाद एवं बेंत से बने फर्नीचर की भी खूब बिक्री हो रही है l   360 फोटो बूथ पर आगंतुक फ़िल्मी गाना पर आधारित अपने बच्चे-बच्चियों का रील भी शूट करा रहे हैं l  बाइस्कोप, पालना घर एवं फन ज़ोन भी बच्चों के लिए आकर्षण के खास केंद्र बने हुए हैं l  इसके साथ ही सेमिनार , सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया l   सेमीनार हॉल में जीविका के सामाजिक विकास विधा द्वारा गाँव-गाँव में चल रही विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन एवं लक्षित लोगों तक पहुँचाने हेतु कार्य योजना बने गई l इस कार्यक्रम में सभी जिलों से आये सामाजिक विकास प्रबंधकों ने शिरकत की l  श्री नीरज कुमार सिंह, परियोजना प्रबंधक, सामाजिक विकास ने प्रबंधकों को योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर उत्प्रेरित किया l इस अवसर पर श्री जीतेन्द्र तिवारी , युवा पेशेवर, सामाजिक विकास ने प्रबंधकों को विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया l

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