◆ मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने वित्तीय वर्ष 2024- 25 के बजट से पृथक शुरू की गई नई योजनाओं के अतिरिक्त दायित्वों की पूर्ति एवं वित्तीय वर्ष 2024- 25 के अनुपूरक बजट की तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव /सचिव के साथ की उच्च स्तरीय बैठक
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◆ मुख्यमंत्री का अधिकारियों को निर्देश- राजस्व उगाही में तेजी लाने के साथ अतिरिक्त राजस्व संग्रहण के नए स्रोतों के लिए संभावनाएं तलाशें
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◆ मुख्यमंत्री ने विभागों से कहा- राजस्व प्रबंधन को मजबूत बनाने के साथ राजस्व की बर्बादी तथा स्थापना व्यय को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएं
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◆ मुख्यमंत्री ने कहा- सभी विभाग राजस्व संग्रहण बढ़ाने का एक्शन प्लान तैयार करें
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◆ मुख्यमंत्री ने विभागों से कहा – राजस्व में बढ़ोतरी के लिए आपस मे समन्वय बनाकर कार्य करें
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● राज्य में विकास कार्यों को गति देनी है और राजस्व संग्रहण भी बढ़ाना है
श्री हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड
राज्य में विकास कार्यों को गति देनी है और राजस्व संग्रहण को भी बढ़ाना है। ऐसे में सभी विभाग राजस्व उगाही में तेजी लाने के साथ अतिरिक्त राजस्व संग्रहण के नए स्रोतों के लिए संभावनाओं को तलाशें। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज झारखंड मंत्रालय में विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव/ सचिव के साथ वित्तीय वर्ष 2024- 25 के बजट से परे शुरू की गई नई योजनाओं के अतिरिक्त दायित्वों की पूर्ति एवं वित्तीय वर्ष 2024- 25 के अनुपूरक बजट की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश दिए।
राजस्व प्रबंधन को मजबूत बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रबंधन को मजबूत बनाएं। इसके साथ राजस्व की बर्बादी तथा स्थापना व्यय को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए जाएं । मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि रेवेन्यू जनरेट सिस्टम का माइक्रो लेवल ऑब्जरवेशन कर इसकी खामियों को दूर करें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग राजस्व संग्रहण का एक्शन प्लान तैयार करें।
राजस्व संग्रहण से जुड़े विभागों में समन्वय जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार विभागों के बीच को-ऑर्डिनेशन नहीं होने से राजस्व संग्रहण की गति धीमी हो जाती है और लक्ष्य के हिसाब से राजस्व संग्रहण नहीं हो पता है। ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए सभी विभाग आपस मे समन्वय बनाकर राजस्व संग्रहण के कार्य को करें। इसके लिए जिलों में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
राजस्व देने वाले एजेंसियों को बिजनेस मॉडल बनाएं
मुख्यमंत्री कहा कि कई विभागों में ऐसी कई एजेंसी, बोर्ड और निगम हैं जो राजस्व का बेहतर माध्यम साबित हो सकते हैं। ऐसी एजेंसियों को बिजनेस मॉडल के रूप में स्थापित करें, ताकि वे अपने कार्यों का विस्तार कर सकें। इससे राज्य को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी।
सीएसआर के तहत होने वाले खर्चों की जांच की व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कई उद्योग और कंपनियां कार्य कर रही हैं । इनके द्वारा सीएसआर मद से कई जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। लेकिन, इनके द्वारा खर्च की जा रही सीएसआर राशि की जानकारी राज्य सरकार तक नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में एक ऐसा मेकैनिज्म बनाएं, जिसके जरिए कंपनियों द्वारा सीएसआर मद में किए जाने वाले खर्च की जांच हो सके। उन्होंने अधिकारियों को यह भी कहा कि वे विभिन्न कंपनियों और उद्योगों समूहों के साथ बातचीत कर राजस्व बढ़ोतरी की संभावनाओं को तलाशें।
उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, प्रधान सचिव श्री अजय कुमार सिंह, प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, प्रधान सचिव श्री एमएस मीणा, प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार, सचिव श्री प्रशांत कुमार, सचिव श्री प्रवीण टोप्पो, सचिव श्री अमिताभ कौशल, सचिव श्री अबू बकर सिद्दीक, सचिव श्री कृपानंद झा, सचिव श्री के श्रीनिवासन, सचिव श्री मनोज कुमार, सचिव श्री उमाशंकर सिंह, सचिव श्री चंद्रशेखर, सचिव श्री अरवा राजकमल, सचिव श्रीमती विप्रा भाल, सचिव श्री जितेंद्र सिंह, सचिव श्री मनोज के अलावा श्री संजीव बेसरा, श्री अमित कुमार , निशा उरांव और सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के निदेशक श्री राजीव लोचन बक्शी उपस्थित थे।