भरतपुर, 28 अक्टूबर
भरतपुर के जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में हुई रैगिंग के मामले में कॉलेज प्रशासन ने 10 सीनियर स्टूडेंट्स को सात दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। कॉलेज प्रशासन ने सात छात्राओं और तीन छात्रों को दोषी माना है। दीपावली की छुट्टियों के बाद इनकी सजा शुरू होगी। एक महीने तक लाइब्रेरी, खेल, जिम आदि नहीं जा सकेंगे। घटना 21 अक्टूबर की है। मेडिकल कॉलेज में एक साथ 13 छात्राओं के साथ रैगिंग की गई थी। 10 स्टूडेंट ने एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की 13 छात्राओं को कॉमन रूम में रोका और जबरन उनकी हॉबी पूछ गई और गाना गाने के लिए भी मजबूर किया। रैगिंग से परेशान छात्राओं ने इसकी शिकायत कॉलेज प्रिंसिपल से की थी। इसके बाद एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच की।
जैसे ही मामला प्रिंसिपल तरुण लाल के संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत एंटी रैगिंग कमेटी को सक्रिय कर दिया था। सभी पीड़ित छात्राओं को प्रिंसिपल के रूम में हाजिर किया गया था। उन्होंने किसी भी तरह की कार्रवाई करवाने से मना कर दिया था। बावजूद इस मामले को उन्होंने गंभीरता से लिया था। 26 अक्टूबर को कॉलेज प्रशासन ने रैगिंग करने वाले स्टूडेंट्स को परिजनों के साथ कॉलेज में बुलाया था। सभी स्टूडेंट्स के बयान लिए गए थे। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने 10 स्टूडेंट्स को दोषी माना है। प्रिंसिपल ने बताया कि रैगिंग लेने वाले स्टूडेंट के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सात छात्राओं और तीन छात्रों को चार से लेकर 11 नवंबर तक क्लास से निष्कासित किया गया है।
इन छात्राओं की दो दिन से रैगिंग हो रही थी। इनके सीनियर इन्हें कॉमन रूम में ले जाकर बार-बार हॉबी पूछ रहे थे। यहां कुछ स्टूडेंट से जबरन गाना गाने के लिए कहा गया था। इससे परेशान होकर सभी स्टूडेंट ने प्रिंसिपल से इसकी शिकायत की। लाल ने बताया कि आरोपी स्टूडेंट्स को चेतावनी भी दी गई थी। इससे पहले 20 जुलाई 2023 को सीनियर्स ने रात करीब ढाई बजे जूनियर स्टूडेंट्स को कॉलेज परिसर में बुलाया। वहां जूनियर स्टूडेंट को मुर्गा बनाकर उससे मारपीट की। हालांकि बाद में दबाव में आकर पीड़ित स्टूडेंट्स ने अपने बयान बदल दिए थे। पिछले साल ही कॉलेज के सीनियर स्टूडेंट ने फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट को देर रात रैगिंग के लिए हॉस्टल में बुलाया। जूनियर स्टूडेंट को रैगिंग का अंदेशा हो गया था। उसने आने से मना कर दिया। अगले दिन सीनियर स्टूडेंट्स जूनियर के रूम में पहुंच गए। उसके साथ बुरी तरह मारपीट की और धमकी दी कि किसी को बताया तो करियर खराब कर देंगे।
रैगिंग के दूसरे केस में जूनियर स्टूडेंट ने कॉलेज प्रशासन को इसकी शिकायत दी थी। तत्कालीन प्रिंसिपल सुभाष बंसल ने एंटी रैंगिंग कमेटी से पूरे मामले की जांच कराई। चारों स्टूडेंट्स को तीन महीने के लिए सस्पेंड किया गया था। 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।