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लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के समक्ष उठाए जा सकते हैं जर्जर सड़क का मुद्दा

बलिया के लखमिनियां-मसूदनपुर पथ जर्जर रहने से आवागमन में राहगीरों को हो रही परेशानी
दर्जन भर गांव के 20 हजार से अधिक की आबादी हो रही है प्रभावित
बलिया/बेगूसराय (बी के गुलशन)
लगभग 20 हजार से अधिक की आबादी विगत तीन वर्षों से लखमिनियां-मसूदनपुर पथ की जर्जरता का दंश झेल रही है। पीडब्ल्यूडी सड़क लखमिनियां से मसूदनपुर तक करीब 8 किलोमीटर की यह सड़क वर्ष 2010 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से पहली बार बनी थी। सड़क के बनने से दियारा क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी। समय के साथ सड़क बाढ़ एवं पुराने होने के कारण जर्जर होती गयी। वर्ष 2016 में आई बाढ़ ने तो सड़क को तहस-नहस ही कर दिया था। जिसे देखते हुये ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा वर्ष 2018 में करीब 3 करोड़ की लागत से तत्कालीन कार्यपालक अभियंता के द्वारा विभागीय स्तर से मरम्मति का कार्य कराया था। जो सड़क समय से पूर्व ही जर्जर हो गयी। पूर्व में किये गये सड़क की मरम्मति में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज उक्त सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो चला है। वाहनों में हिचकोले खाते हुए लोगों को अपने गंतव्य तक जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। सड़क की जर्जरता ऐसी हो गयी है कि आये दिन उक्त सड़क पर छोटे बड़े वाहनों का दुर्घटना का शिकार होना आम हो गया है। साथ ही उसमें सवार लोग भी घायल हो रहे हैं। जिससे दियारा क्षेत्र के मीरअलीपुर, मसूदनपुर, शाहपुर, शिवनगर, भवानंदपुर गांव के अलावे मुंगेर जिले के कुतलूपुर पंचायत के कई गांव के लगभग 20 हजार से अधिक की आबादी को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे स्थानीय ग्रामीणों में संबंधित विभाग के प्रति मायूसी व्याप्त है। बरसात के दिनों में तो सड़क पर पानी एवं कीचड़ से लोगों का चलना भी मुहाल हो जाता है। सड़क पर इतने गड्ढे बन गए हैं कि जिन्हें गिनना मुस्किल है। बावजूद ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा इस सड़क के प्रति लापरवाह रवैया ग्रामीणों को नागौर गुजर रही है। सड़क के जीर्णोद्धार को लेकर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कई वार विधायक से लेकर सांसद तक गुहार लगा चुकी है। बावजूद आज तक उक्त सड़क के जिर्णोद्धार या मरम्मति की दिशा में किसी भी तरह की पहल नहीं हो सकी है।
            जुलाई से लेकर सितंबर माह तक बाढ़ का समय रहता है। तब दियारा क्षेत्र के तीन पंचायतों के करीब एक दर्जन गांवों के 30 हजार से अधिक की आबादी के लिये यह सड़क आवागमन के तौर पर महत्वपूर्ण हो जाता है। इन पंचायतों के लोगों का आवागमन के लिये लखमिनियां-मसूदनपुर सड़क ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। बावजूद सड़क का जिर्णोद्धार नहीं होने से लोगों में रोष व्याप्त है।        पीडब्ल्यूडी सड़क लखमिनियां बभनटोली ढाला से मसूदनपुर को जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क दियारा क्षेत्र के आधे दर्जन से अधिक गांवों की लाइफ लाइन है। इसमें मीरअलीपुर, मसूदनपुर, शाहपुर, शिवनगर, भवानंदपुर सहित मुंगेर जिले के कुतलूपुर पंचायत के कचहरी टोला, तिरासी टोला, बहादुर नगर, हरीबाबू टोला, शिवराम चौधरी टोला आदि के नाम शामिल हैं। उक्त सड़क के जर्जर हो जाने से हजारों की आबादी पर आवागमन का संकट गहराया हुआ है। जिससे स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर सड़क के कारण लोगों को प्रखंड मुख्यालय आने-जाने में समय तो अधिक लगता ही है साथ ही खर्च भी अधिक वहन करना पड़ता है।      क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस वर्ष अगर सड़क का जिर्णोद्धार नहीं किया गया तो स्थानीय लोग एकजुट होकर लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के समक्ष इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।
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