लखनऊ, 05 फरवरी
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने बीते दो माह में निजी विकासकर्ताओं पर बुलडोजर चलाने में नये रिकार्ड बनाये हैं। एलडीए के जोन अधिकारी और उनकी टीम प्रत्येक दिन अवैध प्लाटिंग, कालोनी निर्माण, रो-हाउस निर्माण, बिना नक्शा स्वीकृति के आवासीय व वाणिज्यिक भवनों के निर्माण जैसे कार्यों पर बुलडोजर चला रही है।
उत्तर प्रदेश में साइन सिटी ग्रुप का अक्सर विवादों में आता रहा है। साइन सिटी ग्रुप के गोसाईगंज क्षेत्र में शुरु हुए नये प्रोजक्ट सोलिटेयर सिटी पर एलडीए ने बुलडोजर चलाया। बुलडोजर की कार्रवाई कराने पहुंची जोनल अधिकारी प्रिया सिंह ने इस तरह की कार्रवाईयां आगे भी करने की अपनी बात को दोहराया। प्रिया सिंह ने कुछ ही दिनों में निजी विकासकर्ताओं की नींद उड़ा दी है। शहर में कई हिस्सों में हो रही अवैध प्लाटिंग को रोकने के लिए प्रिया सिंह मौके पर पहुंची रही है।
शहर के जाने माने बिल्डर रजत गुप्ता और पार्थ सिंह के चिनहट में बन रहे रो-हाउस की जांच कराने पर एलडीए ने मौके पर मानचित्र को स्वीकृत नहीं पाया। इसके बाद बिल्डर रजत गुप्ता ने तमाम जगहों से फोन कराके एलडीए के अधिकारियों पर दबाव बनाने का प्रयास किया। कुछ दिनों के बाद मानचित्र स्वीकृति कराने को लेकर बिल्डर को नोटिस दी गयी। एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र ने रो-हाउस को सील करा दिया गया, इसके बाद पुन: रो-हाउस का कार्य शुरु हो गया।
बिल्डर रजत गुप्ता की मनमानी को देखते हुए एलडीए के उपाध्यक्ष इन्द्रमणि और अपर सचिव ज्ञानेन्द्र ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कराना ठीक समझा। एलडीए के अपर सचिव ने मौके पर बुलडोजर भेज कर करोड़ों की लागत से बने रो-हाउस को गिराने की कार्रवाई की। ध्वस्तीकरण के आदेश में गिराये गये रो-हाउस की लगभग कीमत सात करोड़ रुपये बतायी जा रही है।
एलडीए के जोन पांच के जोनल अधिकारी संजय जिंदल ने निजी विकासकर्ताओं पर नियमानुसार कार्रवाईयां की है। संजय जिंदल की कार्रवाई के बाद उनके ऊपर भी बिल्डरों ने दबाव बनवाया लेकिन अवैध प्लाटिंग और निर्माण कार्यों के विरुद्ध डटकर कार्रवाई कर रहे हैं। बीते दिनों संजय जिंदल ने बिल्डर विनय सिंह के अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई की। किसान पथ के एक छोर पर अवैध प्लाटिंग में सड़क, दीवारें, नालियां सभी कुछ बना दी गयी थी, जिसे बुलडोजर लगाकर ध्वस्त करा दिया गया।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डा.इन्द्रमणि त्रिपाठी ने सोमवार को यह बताया कि बीते दो माह में अनुमानित 110 के करीब अवैध निर्माण कार्यों पर कार्रवाईयां हुई है। इसमें निजी विकासकर्ताओं के अवैध रुप से कराये गये कार्यों को पूरी तरह से रोका गया है। किसी भी स्थिति में अवैध निर्माण कार्य को ना होने देने के लिए जोनल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।