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सीमांचल गांधी मरहूम तस्लीमुद्दीन की यौमे पैदाइश पर अररिया में आयोजित कार्यक्रम में भाई से भाई दिखे जुदा

पूर्व सांसद सरफराज की गैरहाजिरी और मंत्री शाहनवाज के साथ कार्यक्रम में शामिल गैर राजद विशिष्ट नेताओं को देखकर राजनीति के क्षेत्र में उभर रहे तरह तरह के सवाल

सीमांचल (अशोक/विशाल)

भारतीय राजनीति के मानचित्र में सीमांचल की अतिसंवेदनशील राजनीति की पहचान स्थापित करने वाले स्वर्गीय सीमांचल गांधी तस्लीमुद्दीन की जयंती (यौम-ए-पैदाइश) 4 जनवरी को सीमांचल के अररिया जिला मुख्यालय स्थित नेताजी सुभाष स्टेडियम में उनके मंत्री पुत्र शाहनवाज आलम के सौजन्य से बड़े तामझाम के साथ मनाई गई और उक्त मौक़े पर उन्हीं के कर कमलों द्वारा नेताजी सुभाष स्टेडियम अररिया में 4 जनवरी से लगातार 15 जनवरी तक चलने वाले स्वर्गीय सीमांचल गांधी तस्लीमुद्दीन मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट का उद्घाटन भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित स्थानीय प्राधिकार निकाय विधान परिषद क्षेत्र पूर्णिया किशनगंज अररिया के सर्वाधिक लोकप्रिय विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल के साथ संयुक्त रूप से किया गया।

लेकिन , उक्त पूरे कार्यक्रम के दौरान स्टेडियम में कहीं भी स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन साहब के बड़े राजनेता पुत्र सह अररिया संसदीय क्षेत्र के पूर्व राजद सांसद सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री जनाब सरफराज आलम की गैरहाजिरी से बड़ा सवाल खड़ा हो गया कि इस संसदीय चुनाव की घड़ी में भी क्या मरहूम सीमांचल गांधी जनाब तस्लीमुद्दीन साहब के राजनीतिक घराने में पारिवारिक विवाद कायम ही रह गया है।
पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान जोकीहाट विधान सभा क्षेत्र से टिकट की छीना झपटी और दोनों भाइयों के बीच अलग अलग पार्टियों से हुई चुनावी लड़ाई को लेकर जो अनबन स्थापित हुए थे वही आज भी कायम हैं। इस बात का पुनर्खुलासा इन दोनों भाइयों के लोकप्रिय पिता स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन साहब की जयंती के अवसर पर उनके गृह जिला अररिया में गत 4 जनवरी को फिर से हुआ।

 

जबकि दूसरी ओर , स्वर्गीय सीमांचल गांधी तस्लीमुद्दीन के पद चिन्हों पर चलकर सम्पूर्ण सीमांचल में मानवता के सेवक के रूप में अतिलोकप्रियता की सीमा लांघ जाने वाले अररिया पूर्णिया किशनगंज जिलों के त्रिस्तरीय विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल सहित विपक्षी दल भाजपा के विधायक अचमित ऋषि और अररिया जिला परिषद के अध्यक्ष सह जदयू नेता आफताब अजीम पप्पू सहित कई पूर्व विधायक तक की एकजुट मौजूदगी उक्त अवसर पर दर्ज रहे।
चर्चा चल निकली है कि सीमांचल के इस सबसे बड़े राजद परिवार में चल रहे इस तरह की आपसी फूट की खाई को लोक सभा चुनाव की घोषणा आते आते अगर पाटा नहीं जा सका तो निःसंदेह इस फैमिली के बीच अपना जबरदस्त ठांव एमआईएम बना लेगा और राजद को तब भारी खामियाजा भुगतना पड़ जाएगा।

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